प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपरा में अर्थव्यवस्था एवं औद्योगिक शिक्षा का स्वरुप

Authors

  • शालिनी मिश्रा शिक्षाशास्त्र विभाग महात्मा गाँधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी

Abstract

औद्योगिक शिक्षा का मानव सभ्यता पर गहरा प्रभाव रहा है और भविष्य में भी रहेगा। इक्कीसवीं सदी में तो औद्योगिक शिक्षा ने एक नया समाज गढ़ने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। पूंजी या शारीरिक श्रम की अपेक्षा ज्ञान प्रमुख उत्पादन स्त्रोत बन गया है। बीते दशक में सूचना युग के जन्म के बाद हर तरफ औद्योगिक शिक्षा के नवीन नाम सामने आये हैं, नालेज इकानॉमी, नॉलेज जॉब, नॉलेज वर्कस्, नॉलेज मैनेजमेंट, नालेज बेसड क्वालिटी ऑफ लाईफ का शोर मचा हुआ है। प्राचीन भारतीय अर्थव्यवस्था- कृषि-आधारित थी, जहाँ अधिकांश जनसंख्या कृषि कार्य में संलग्न थी।

सिंधु घाटी सभ्यता से लेकर वैदिक काल तक, कृषि मुख्य व्यवसाय बना रहा। समाज में विभिन्न वर्गों के लोग जैसे किसान, व्यापारी, और कारीगरों की भूमिका महत्वपूर्ण थी। इस दौरान, शिल्प और हस्तकला उद्योगों में भी उन्नति हुई। विशेषकर कपड़ा, धातु और आभूषण उद्योगों में। व्यापार की दृष्टि से भारत का समुद्री मार्गों और स्थलीय मार्गों के माध्यम से अन्य सभ्यताओं से व्यापारिक संबंध स्थापित था। भारत का व्यापार विशेषकर मसाले, रेशम, कपास और कीमती पत्थरों के लिए प्रसिद्ध था। प्राचीन काल में व्यापार का विकास कई महत्वपूर्ण बंदरगाहों जैसे सोपारा, कालीकट और ताम्रलिप्ति के माध्यम से हुआ।

अतः प्राचीनकाल में भारतीय अर्थव्यवस्था कृषि, उद्योग और व्यापार के सहारे न केवल जीवित रही बल्कि उसने अपनी पहचान भी स्थापित की। प्राचीनकाल में हुए आर्थिक और औद्योगिक विकास ने भारत को विश्वव्यापी पहचान दिलाई।

Keywords:

भारतीय ज्ञान परंपरा, अर्थव्यवस्था, उद्योग, शिक्षा

References

● अल्तेकर, ए.एस. (1957), प्राचीन भारत में शिक्षा, नन्द किशोर एण्ड ब्रदर्स, वाराणसी।

● अग्रवाल, ए.एस. (1990), शिक्षा के तात्विक सिद्धान्त, राजेश पब्लिशिंग हाउस, मेरठ।

● चटर्जी, सीताराम (1970), शिक्षा दर्शन, हिन्दी समिति, सूचना विभाग, लखनऊ।

● पाण्डेय, रामशकल (2008), शिक्षा दर्शन, विनोद पुस्तक मंदिर, आगरा।

● डॉ. शिवस्वरूप,(2000); सहायकृत प्राचीन भारत का सामाजिक एवं आर्थिक इतिहास, मोतीलाल बनारसीदास, नई दिल्ली।

● प्रेमनाथ (1969), शिक्षा के सिद्धान्त, लोक भारतीय प्रकाशन, इलाहाबाद।

● मिश्र, जयशंकर (1980), प्राचीन भारत का सामाजिक इतिहास, बिहार हिन्दी ग्रंथ अकादमी, कदमकुआं, पटना।

● एम.एन. मजूमदारकृत ए हिस्ट्री ऑफ एजूकेशन इन एन्शियेण्ट इण्डिया।

● मुखर्जी, आर.के. (1951), प्राचीन भारतीय शिक्षा, मिलन एण्ड कं., बम्बई।

● कृष्ण कुमारकृत (2000); प्राचीन भारत की शिक्षा पद्धति, नयी दिल्ली।

Published

11.09.2024
Statistics
Abstract Display: 56
PDF Downloads: 19
PDF Downloads: 31

How to Cite

प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपरा में अर्थव्यवस्था एवं औद्योगिक शिक्षा का स्वरुप. (2024). Bhartiya Knowledge Systems, 2(1), 19-24. https://www.apu.res.in/index.php/bks/article/view/34

Issue

Section

Research Articles

How to Cite

प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपरा में अर्थव्यवस्था एवं औद्योगिक शिक्षा का स्वरुप. (2024). Bhartiya Knowledge Systems, 2(1), 19-24. https://www.apu.res.in/index.php/bks/article/view/34